🚀लखनऊ में बना इतिहास,भारत को मिली स्वदेशी सुपरसोनिक मिसाइल निर्माण इकाई
लखनऊ |
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आज रक्षा इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का गवाह बनी। यहां उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत दुनिया की सबसे तेज़ और सटीक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की उत्पादन इकाई का भव्य शुभारंभ हुआ। इस परियोजना पर लगभग 300 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाला कदम है।
🔥 ब्रह्मोस मिसाइल: क्या है इसकी ताक़त?
ब्रह्मोस भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है, जिसे भारत के DRDO और रूस की NPOM ने मिलकर विकसित किया है। इसकी खासियतें इसे दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल बनाती हैं:
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💥 मारक क्षमता: 290 से 400 किलोमीटर तक
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⚡ गति: मैक 2.8 (आवाज की गति से लगभग तीन गुना तेज)
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🎯 तकनीक: ‘फायर एंड फॉरगेट’ – लक्ष्य मिलते ही खुद दिशा बदलकर सटीक वार
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🚀 लॉन्च क्षमता: भूमि, वायु और समुद्र — तीनों माध्यमों से दागी जा सकती है
🛳️ ब्रह्मोस की मिसाइल प्रणाली – तीन आयामों में शक्ति
1️⃣ समुद्र आधारित प्रणाली
भारतीय नौसेना के जहाजों जैसे INS त्रिकंद से सफल परीक्षण।
सैल्वो मोड की क्षमता – 2 से 2.5 सेकंड के अंतराल में कई मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
मुख्य विशेषताएं:
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मल्टी-डायरेक्शनल लॉन्च
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फायर कंट्रोल सिस्टम और सेंसर इंटीग्रेशन
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GPS और GLONASS कनेक्टिविटी
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अत्यधिक सटीक होमिंग रडार सीकर
2️⃣ ज़मीन आधारित प्रणाली
मिसाइलों के लिए मोबाइल लॉन्चर, कमांड पोस्ट और पुनःपूर्ति वाहन शामिल।
हर यूनिट से तीन मिसाइलें अलग-अलग दिशाओं में दागी जा सकती हैं।
प्रमुख विशेषताएं:
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एक साथ तीन लक्ष्यों पर अचूक वार
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उन्नत कंट्रोल सिस्टम और NBC सुरक्षा
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एयर कंडीशंड कंट्रोल केबिन
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टिकाऊ और कम रखरखाव वाली प्रणाली
🎖️ लखनऊ में ब्रह्मोस यूनिट क्यों है ख़ास?
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वर्चुअली किया, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इकाई न केवल आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को मजबूत करेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार, निवेश और तकनीकी विकास का द्वार भी खोलेगी।
भारत का बढ़ता सामरिक आत्मविश्वास
ब्रह्मोस उत्पादन इकाई का लखनऊ में खुलना भारत की रक्षा रणनीति में एक बड़ा मोड़ है। इससे न केवल देश की सीमाएं सुरक्षित होंगी, बल्कि भारत अब मिसाइल निर्यात करने वाले देशों की कतार में भी शामिल हो सकेगा।
“भारत अब केवल रक्षा नहीं करता – बल्कि निर्णायक कार्यवाही के लिए भी तैयार रहता है!”