देशभर में आक्रोश, ग्वालियर में निकला विरोध जुलूस, पाकिस्तान और आतंक के खिलाफ फूटा जन-जन का ग़ुस्सा
ग्वालियर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 27 निर्दोष लोगों की दर्दनाक मौत हुई, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। इस कायराना हरकत के बाद देशभर में ग़म और गुस्से की लहर दौड़ गई है।
लोग सड़कों पर उतर आए हैं, जुलूस निकाल रहे हैं, पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी कर रहे हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोना इस बर्बरता की निंदा कर रहा है।
“मुंहतोड़ जवाब मिलेगा” – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हमले को अमानवीय बताते हुए कहा कि “इंसानियत के दुश्मनों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वे फिर कभी ऐसी हिम्मत न करें।” मुख्यमंत्री ने हमले की निंदा करते हुए अपना प्रस्तावित ग्वालियर दौरा भी रद्द कर दिया।
ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन, व्यापारियों ने निकाला जुलूस
ग्वालियर शहर में बुधवार को कैट (कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) की ओर से एक बड़ा जुलूस निकाला गया। इंदरगंज चौराहे पर सैकड़ों व्यापारी एकत्रित हुए और श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन, जिलाध्यक्ष रवि गुप्ता, संयोजक दिलीप पंजवानी समेत कई प्रमुख व्यापारी नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की। सभी ने एक सुर में कहा कि “पाकिस्तान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
“पर्यटन उद्योग पर भी गहरा आघात”
व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ मानवता पर हमला हैं, बल्कि यह हमारे देश के पर्यटन उद्योग को भी भारी नुकसान पहुंचा रही हैं। इस आतंक की राजनीति ने भारत की छवि को चोट पहुंचाई है, जिसे हर नागरिक महसूस कर रहा है।
कैंडल मार्च और मौन श्रद्धांजलि
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आईकॉम (इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस) के डायरेक्टर और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय ने कैंडल जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और ईश्वर से उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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लोहामंडी के गरीबों के अस्पताल में भी दो मिनट का मौन रखकर दुख व्यक्त किया गया।
24 अप्रैल को महाराज बाड़े से निकलेगा कैंडल मार्च
कैट द्वारा 24 अप्रैल, गुरुवार को शाम 7 बजे, महाराज बाड़े स्थित रीगल टॉकीज से एक विशाल कैंडल मार्च निकाला जाएगा। शहर के सभी व्यापारियों और संगठनों से इसमें शामिल होने की अपील की गई है।
👉 इस कठिन समय में एकजुटता दिखाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।