जम्मू-कश्मीर के रामबन में प्राकृतिक आपदा ने मचाई तबाही
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से भारी तबाही का मंजर देखने को मिला है। कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा है।
प्रशासन ने त्वरित राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार हो रहे भूस्खलन ने कई इलाकों में स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है।
धरम कुंड गांव में 40 घर क्षतिग्रस्त
धरम कुंड गांव इस आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है। अचानक आई बाढ़ की वजह से यहां करीब 40 रिहायशी मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि हालात इतने खराब थे कि पुलिसकर्मियों को जान की परवाह किए बिना 100 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा।
उफनते नालों में बहे वाहन
बादल फटने और तेज बारिश के कारण नाले उफान पर आ गए, जिनमें कई वाहन बह गए।
यातायात विभाग ने बताया कि नाशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और चट्टानों के गिरने से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों तरफ से ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
यात्रियों को सलाह दी गई है कि जब तक मौसम में सुधार न हो और सड़कें साफ न कर दी जाएं, तब तक यात्रा से बचें।
कई घरों में घुसा पानी, लोग हुए बेघर
भारी बारिश की वजह से कई घरों में पानी घुस गया, जिससे लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग सबसे ज़्यादा खतरे में हैं क्योंकि इस स्थिति में उनके लिए सुरक्षित स्थानों पर जाना भी मुश्किल हो गया है।
प्रशासन ने शुरू किया राहत और बचाव कार्य
प्रशासन और पुलिस विभाग ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाका बचाव कार्यों को बाधित कर रहा है।
लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं, और पूरे क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है।
कश्मीर में आपदा की स्थिति, सतर्कता और राहत कार्य ज़रूरी
कश्मीर में बादल फटना और बाढ़ की स्थिति एक बार फिर यह दिखा रही है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन को और अधिक तैयारियों की ज़रूरत है।