सर्व समाज के होली मिलन समारोह में आदिवासियों के पारंपरिक परिधान में सजधज ढोल बजाकर नृत्य करते हुए खेली फूलों की होली
ग्वालियर/गुना। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर हैं और इस दौरान उनके विविध रूप देखने को मिल रहे हैं।
कभी वे बुजुर्ग महिला-पुरुषों को गले लगाकर उनके दुःख-दर्द के आंसू पौंछ उन्हें खुशियां दे रहे हैं तो युवाओं को रोजगार की सौगात।
सोमवार को बमोरी के डिगडोली गांव में आयोजि सर्व समाज के होली मिलन समारोह में उनका अलग ही अंदाज देखने को मिला। जहां सिंधिया ने आदिवासियों के साथ उनके पारंपरिक परिधान में नृत्य किया। उन्होंने हाथों में धनुष वाण लेकर फूलों की होली खेली एवं आदिवासियों का पारंपरिक ढोल बजाया।

पावन भूमि पर किया था जनआंदोलन
सिंधिया ने कहा कि डिगडोली गांव की यह वही पावन भूमि है, जहां से मैंने आदिवासियों के साथ मिलकर उनके पट्टे के लिए जनांदोलन किया शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि यहां के लोग टंट्या मामा भील के वंशज हैं। इनके बीच आकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। मेरे बमोरी के आदिवासी भाईयों के इस अंदाज की पूरे देश में एक अलग पहचान है। इस मौके पर सिंधिया ने सभी को गुड़ी पड़वा, ईद और नव संवत्सर की बधाई दी।

देश की आन, बान और शान हैं आदिवासी
सिंधिया ने कहा कि जो आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा और रानी दुर्गावती जैसी महान विभूतियों के वंशज हों वो हमारे देश की आन, बान और शान हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री की भी यही सोच और विचारधारा है कि हमारे आदिवासी समाज के लोगों का विकास और प्रगति सुनिश्चित हो।
Edited By: विजय पाण्डेय