Sandhya Samachar

खुशियों की दास्तां सिलती “सिलाई मशीन

49 views

मेला एक उत्सव है जो हमारी भारतीय संस्कृति और पंरपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मेला एक ऐसा सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन होता है जहां लोग एक साथ आते हैं, खुशी मनाते हैं और मनोरंजन का आनंद लेते है। मेले में जुटने वाली भीड़ भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है। लोगों के साझा अनुभव, भावना और सामाजिकता का एक अद्वितीय माहौल प्रदान करती है। मनोरंजन का पर्याप्त साधन और मनचाही सामग्री के कारण मेला अपनी विविधत में अत्याधिक मान्यता रखता है, जब लोग अपनी जरूरत के मुताबिक सामान खरीदकर खुशियांं कों बांटते हैं तो समझों मेला सार्थक हो जाता है…. ऐसी ही खुशियों की दास्तां को सिलती सिलाई मशीन की सकारात्मक संदेश वाली खुशियों की दास्तां वाली सुखद कहानी ….

हितेंद्र भदौरिया
श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला अपने आप में विविधताओं का सागर समेटने वाला है। हर सामर्थ्य के सैलानियों की तरह-तरह की रुचियाँ मेले में पूरी होती हैं। बहुत से लोग मेले में खरीददारी करने के लिये साल भर बचत कर रकम जुटाते हैं। अनेक सैलानी वर्ष भर में जमा हुई रकम लेकर मेला में सामान खरीदने आते हैं। ऐसे ही एक सैलानी अपने परिवार के सदस्यों के साथ मेले में खास खरीददारी करने पहुँचे थे। यूँ तो उनके द्वारा की गई खरीददारी एक सामान्य सी बात थी, पर उसमें समाज के लिए बड़ा सकारात्मक संदेश छुपा था।

मेले की सुखद तस्वीर : पूरे परिवार के सदस्यों के साथ मशीन खरीद उत्साह से मेला घूमते सैलानी ने दिया सकारात्मक संदेश

ग्वालियर जिले के आदिवासी बहुल विकासखंड घाटीगाँव की आदिवासी दफाई के निवासी वीर सिंह सपरिवार ग्वालियर मेले का आनंद उठाने आए थे। इस बार उन्होंने साल भर की बचत से अपनी बिटिया के लिये 4 हजार रुपए में सिलाई मशीन खरीदी। उनका बेटा राजीव बड़ी शान के साथ अपने सिर पर मशीन रखकर परिवार के साथ मेला घूमा। वीर सिंह प्रदेश की सबसे पिछड़ी जनजातियों में शुमार सहरिया जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन न के बराबर पढ़े-लिखे वीर सिंह बातें बड़ी समझदारी की करते हैं।
हँसी-ठिठोली करते हुए मेला घूम रहे वीर सिंह बोले कि मैंने अपनी अविवाहित बिटिया को आत्मनिर्भर बनाने के लिये यह सिलाई मशीन खरीदी है। मैं अपनी बिटिया को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिला रहा हूँ। साथ ही सिलाई मशीन भी खरीद दी है। हमारा लक्ष्य है कि बिटिया का जब विवाह हो तो वह आत्मनिर्भर होकर अपनी ससुराल पहुँचे और उसे किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत न पड़े। सिलाई मशीन लिए वीर सिंह का परिवार मेले के जिस भी सेक्टर से गुजरा वहाँ सिलाई मशीन यही संदेश देती हुई प्रतीत हुई कि बेटियों को अबला नहीं आत्मनिर्भर बनाकर सबला बनाइए।
उनका बेटा राजीव बरई के श्याम स्कूल में 9वी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। वीर सिंह को पता है कि जब वह 12वी कर लेगा तो सरकार उसे बिना परीक्षा के नौकरी पर रख लेगी।

वीर सिंह का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने हम आदिवासियों का जीवन बदल दिया। पहले हम घास-फूस की झोंपड़ी में रहते थे। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेरे लिए पक्का घर बनवा दिया है। बिजली और रसोई गैस की सरकार ने निःशुल्क व्यवस्था की है।
इलाज के लिये आयुष्मान कार्ड, निःशुल्क राशन के लिये अंत्योदय राशन कार्ड और भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत श्रमिक कार्ड भी सरकार ने बनवा दिया है। आहार अनुदान योजना के तहत मेरी धर्मपत्नी को हर माह 1500 रुपए सरकार दे रही है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे पीएम जनमन अभियान का लाभ भी मुझे और मेरी दफाई के अन्य आदिवासी परिवारों को मिला है।
सरकार से मिली इफरात मदद से गदगद वीर सिंह की खुशी देखते ही बन रही थी। मेले में उन्होंने सपरिवार सॉफ्टी, भेलपुरी व पापड़ का लुत्फ उठाया। साथ ही बच्चों को रोमांचक झूलों का आनंद दिलाकर सरकार को दुआएं देते खुशी-खुशी अपने घर लौटे। कह सकते हैं कि वीर सिंह के लिए खुशियों का मेला आनंददायक साबित हुआ।

Leave a Comment

मौसम का मिज़ाज़

India, IN
overcast clouds
11%
4km/h
86%
41°C
41°
41°
40°
Sat
28°
Sun
29°
Mon
30°
Tue
29°
Wed

About Us

हमारी वेबसाइट का प्रमुख उद्देश्य सार्वजनिक रूप से जानकारी प्रदान करना है, और हम आपको विभिन्न विषयों पर लेख और समाचार प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

Contact Info

Address:

Sandhya Samachar, In front of Hotel Shelter, Padav, Gwalior. 474002

Email:

info@oldsamachar.nezovix.in

Contact Number:

+91 94251 11819

© Copyright 2023 :- Sandhya Samachar, All Rights Reserved. Designed and Developed by Web Mytech