अभिषेक कुमार सिंह। 5G Launch in India औद्योगीकरण के ढाई सौ से ज्यादा वर्षों में दुनिया को शायद ही किसी वैज्ञानिक आविष्कार या तकनीक ने इतना बदला हो, जितना इंटरनेट ने पिछले महज ढाई दशकों में बदल डाला है। यह आविष्कार कितना क्रांतिकारी, सहयोगी और मानव जीवन में दखल डालने वाला है, इसके कई उदाहरण हमारे सामने आ चुके हैं। इंटरनेट के सबसे मददगार चेहरे को दुनिया ने अभी हाल में कोरोना वायरस के प्रसार के दौर में देखा। जब पूरी दुनिया ठहरी हुई थी, तब इंटरनेट ही उसे घर बैठे चला रहा था।
इंटरनेट आज विकास के नए रूप में हमारे सामने है, हालांकि अभी भी इसके कई आधुनिक संस्करण सामने आने हैं। जैसे देश में 5जी सेवाओं के रूप में पांचवीं पीढ़ी के इंटरनेट की शुरुआत हो रही है। इंटरनेट को कितना बदलेगी नई पीढ़ी : विज्ञान के दायरे में जो एक बात अरसे से कही जाती रही है, वह यह है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। यह बात हालांकि अकेले विज्ञान के मामले में लागू नहीं होती, लेकिन दुनिया की तकनीक पर बढ़ती निर्भरता ने साबित कर दिया है कि इस्तेमाल बढ़ने और समय के साथ-साथ तकनीक पुरानी पड़ने लगती है। इसके बाद उसे बदलने या उसमें नई चीजें जोड़ने की जरूरत होती है
जब मोबाइल स्मार्टफोन में बदल गए
एक वक्त था, जब देश में मोबाइल फोन तो क्या लैंडलाइन वाले साधारण फोन भी मुश्किल से मिलते थे। लेकिन समय बदला और लोगों के हाथ में मोबाइल फोन जैसी जादूई चीज आ गई, जिससे जब चाहे जहां चाहे, बात हो सकती थी। असली करिश्मा तो तब हुआ, जब मोबाइल स्मार्टफोन में बदल गए और वे इंटरनेट से लैस हो गए। अब फोन से केवल बात ही नहीं हो सकती, बल्कि सामने वाले का चेहरा भी वीडियो कालिंग से देखा जा सकता था और इंटरनेट से जुड़े सारे काम फोन से ही किए जा सकते थे। जैसे कि राह चलते फोन पर ही कोई सजीव प्रसारण, यहां तक कि फिल्म तक देखी जा सकती थी। हालांकि यहां एक पेच इंटरनेट की गति का था।
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