🌍 सर्गेई लावरोव के बयान से मची हलचल
मॉस्को।
विश्व राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के ताजा बयान ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों की दिशा को नया मोड़ दे दिया है। उन्होंने भारत-रूस-चीन (RIC) त्रिकोणीय गठजोड़ को दोबारा सक्रिय करने की इच्छा जताई है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और यूरोप की नीतियों से असंतुष्ट कई देश नए वैश्विक नेतृत्व की तलाश में हैं।
लावरोव ने साफ कहा है कि अब वक्त आ गया है कि RIC फॉर्मेट को फिर से सक्रिय किया जाए, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर शुरू हुआ था। उनका यह बयान पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 2020 के तनाव के बाद आई खामोशी को तोड़ने वाला माना जा रहा है।
🔍 क्यों मायने रखता है यह गठबंधन?
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भारत, जो कि आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, शांति और विकास का समर्थक बनकर उभरा है।
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रूस, जो यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों से अलग-थलग पड़ा है, भारत और चीन के साथ मिलकर एक विकल्पीय शक्ति केंद्र स्थापित करना चाहता है।
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चीन और अमेरिका के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने उसे भी इस त्रिकोणीय संबंध को फिर से देखने पर मजबूर किया है।
🌐 अमेरिका और यूरोप क्यों चिंतित?
भारत, रूस और चीन का एक साथ आना अमेरिका और यूरोपीय संघ के लिए बड़ी रणनीतिक चुनौती बन सकता है। यह गठबंधन भू-राजनीतिक संतुलन को पूरी तरह बदल सकता है, खासकर तब जब दुनिया पहले से ही बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर बढ़ रही है।
💬 लावरोव ने क्या कहा?
रूसी एजेंसी ‘TASS’ के अनुसार, लावरोव ने कहा:
“मैं एक बार फिर यह दोहराना चाहता हूं कि रूस-भारत-चीन त्रिकोण को फिर से सक्रिय करने में हमारी वास्तविक रुचि है। इस प्रारूप के तहत अब तक 20 से अधिक उच्चस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं।”
उन्होंने यह बयान रूस के पर्म शहर में ‘यूरेशिया में सुरक्षा और सहयोग’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दिया, जो यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित है।