रविवार को ही होगा हिंदू नव वर्ष का समापन, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होगा आगाज
इस बार हिंदू नव वर्ष नव संवत्सर आगमन रविवार को होगा और रविवार को ही समापन का योग बन रहा हैं। नव संवत्सर का नाम सिद्धार्थ होगा और सूर्यवेद राजा।
ग्वालियर। भारत विविध संस्कृतियों और त्योहारों का देश है। हिंदू धर्म में चैत्र मास बेहद खास होता है क्योंकि इसी मास में हिंदू नव वर्ष का आगमन होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास पहला महीना होता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष का आगाज होता है साथ ही चैत्र नवरात्र की आराधना भी होती है।
ज्योतिष शास्त्र और सृष्टि के नियम के मुताबिक प्रति वर्ष हिंदू नववर्ष के संचालन की कमान ग्रहों को दी जाती है। इस बार नव संवत्सर की सत्ता सूर्य ग्रह को मिलने जा रही है। हिंदू वर्ष की शुरुआत रविवार को होने के कारण इस बार राजा सूर्य होंगे। वहीं समापन भी रविवार को होने के कारण मंत्री भी सूर्य ही होंगे। यह एक संयोग ही है जब हिंदू नववर्ष के राजा और मंत्री दोनों पदों पर सूर्य विराजमान हैं।
30 को होगा नव संवत्सर का आगाज
ज्योतिषाचार्य पंडित सुनील दत्त शुक्ला के मुताबिक इस साल 30 मार्च से हिंदू नववर्ष यानी नव संवत्सर 2082 का आगाज होगा। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों का मीन राशि में योग रहेगा। सिद्धार्थ संवत्सर में ग्रहों की नई सरकार के अन्य पदों की बात करें तो हिंदू नववर्ष में अन्न-धन, खनिज व धातु के स्वामी बुध होंगे। खाद्य पदार्थों के स्वामी मंगल होंगे।
फसल होगी बेहतर किसानों को लाभ
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक रविवार को नववर्ष की शुरुआत होने से मंत्री और राजा सूर्यदेव ही होंगे। इस कारण गर्मी की मार झेलनी पड़ेगी। गर्मी के प्रभाव से अच्छी बारिश का योग बनेगा। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा, क्योंकि फसल अच्छी होने से आर्थिक लाभ जो होगा।
सियासतदारों की बढ़ेंगी मुश्किलें
हिंदू नववर्ष का संवत्सर कालयुक्त होगा। इस संवत्सर का मालिक सूर्य है, जो क्रूरक ग्रह भी है। इसका प्रभाव मानव जीवन पर नकारात्मक भी पड़ेगा। लोगों पर क्रोध हावी रहेगा, मतभेद और टकराव की स्थिति बनेगी। प्रदेश व देश की राजनीति में घमासान देखने को मिलेगा। सियासतदारों की मुश्किलें बढ़ना लाजमी है।