विकासखंड स्तरीय योग प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने सहभागिता कर जाना उसका महत्व
ग्वालियर। अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हर छात्र को योग और प्राणायाम करना चाहिए। योग की मदद से हर विद्यार्थी तन और मन से स्वस्थ्य रह सकता है और इसके फलस्वरूप वह शिक्षा में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है। यह बता जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर ने कही।
उन्होंने यह बात ग्वालियर जिले के छह विकासखड़ों में संपन्न हुई विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता के समापन समारोह पर कही।
श्री चाकणकर ने कहा कि योगासन एक ऐसा खेल है जो योग के भौतिक पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है, जहां खिलाड़ियों को योग मुद्राएं करनी होती हैं। इस प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को उनकी कठिनाई के स्तर, संतुलन, नियंत्रण, लचीलापन और धीरज के आधार पर जज किया जाता है।
उन्होंने कहा कि योगासन प्रतियोगिताएं सदियों से चली आ रही हैं। लेकिन खेल का आधुनिक प्रारूप पहली बार 1989 में भारत के पांडिचेरी में आयोजित पहली योगासन विश्व चैम्पियनशिप के साथ अस्तित्व में आया। योग के महत्व को देखते हुए महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा पहली बार पूरे प्रदेश में योग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री अजय कटियार तथा जिला योग प्रभारी चाकणकर के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम में विकासखंड योग प्रभारी जयदयाल शर्मा, अरुण शर्मा, हेमंत त्रिवेदी, कृष्ण पाल सिंह यादव तथा राजनारायण शर्मा विशेष रुप से उपस्थित थे।
प्रतियोगिता में डबरा, भितरवार, मुरार शहर क्रमांक 1 एवं 2, मुरार ग्रामीण तथा घाटीगांव के 50 विद्यालयों के 192 विद्यार्थियों ने सहभागिता की। प्रतियोगिता के विजेता 10 से 12 अक्टूबर तक ग्वालियर में आयोजित जिला स्तरीय योग प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इससे पूर्व आयोजन स्थल पर शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों से पहुंचे प्रतिभागी एवं योग क्लब प्रभारियों का स्वागत किया। योग प्रतियोगिता विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय से चयनित विद्यार्थियों के 3 ग्रुप में से मिनी ग्रुप 14 वर्ष से कम आयु वर्ग, जूनियर ग्रुप 17 वर्ष से कम आयु वर्ग और सीनियर ग्रुप 19 वर्ष से कम आयु वर्ग के एक बालक एक बालिका ने प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता में कुल 18 आसन निर्धारित थे। जिनमें से ए बी सी प्रत्येक ग्रुप में 6-6 आसनों में से पर्ची के माध्यम से विद्यार्थियों को प्राप्त आसनों को ही कराया गया। इसके साथ ही 2 आसन स्वैच्छिक आसनों के आधार पर प्रतियोगी को कराए गए जिसमें संतुलन जोखिम और लचीलापन के आधार पर अंक प्रदान किए गए। इस अवसर पर श्रीकांत मिश्रा, रेखा शर्मा,अर्चना सगर शिवकांत कटारा,रामेंद्र गुर्जर,सुनील झा, भारती झा, रेणु कश्यप, नरेंद्र त्रिपाठी,अश्विनी यादव, ज्योति प्रजापति, कीर्ति उपाध्याय,आरती आगाशे, सुमेर सिंह बिजोल, सुरेश राजपूत, भान सिंह, दिनेश परिहार, मुकेश सिंह, रमाकांत,राम सिंह, मनीष दुबे आदि उपस्थित थे।