नई दिल्ली – भारत में उड़ान भरते या उड़ान के दौरान विमानों के इंजन बंद होने की घटनाएं चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई हैं। RTI (सूचना का अधिकार) आवेदन के जरिए मिली जानकारी के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में कुल 65 विमानों के इंजन उड़ान के दौरान या टेकऑफ करते समय बंद हुए। वहीं, पिछले 17 महीनों में 11 विमानों से ‘मेडे कॉल’ की गई, जो कि गंभीर तकनीकी खतरे की स्थिति में दिया जाने वाला आपातकालीन संकेत है।
यह जानकारी देश के नागरिक उड्डयन नियामक डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा दी गई है। यह आरटीआई जानकारी हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद मांगी गई थी।
हर महीने एक इंजन फेल होने की औसत
RTI में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों के दौरान औसतन हर महीने कम से कम एक बार इंजन फेल होने की घटना हुई है। हालांकि, राहत की बात यह रही कि सभी मामलों में पायलटों ने एक इंजन की सहायता से विमानों को सुरक्षित नजदीकी हवाई अड्डे पर उतारने में सफलता पाई।
तकनीकी कारणों से होता है इंजन फेल
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष कैप्टन सी.एस. रंधावा ने बताया कि इंजन बंद होने के पीछे इथेन टरबाइन में खराबी, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में गड़बड़ी, या अन्य तकनीकी खामियां जिम्मेदार हो सकती हैं।
11 मेडे कॉल, 4 विमानों की आपात लैंडिंग हैदराबाद में
RTI डेटा से यह भी खुलासा हुआ कि बीते 17 महीनों में जिन 11 विमानों से ‘मेडे कॉल’ दी गई, उनमें से कई मामलों में तकनीकी गड़बड़ियों के चलते आपात लैंडिंग करानी पड़ी। चार विमानों को हैदराबाद एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई।
इस खुलासे ने भारत की विमानन सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों की मांग है कि DGCA को नियमित जांच और निगरानी प्रक्रिया को और सख्त बनाना चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।