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ज्ञान-विज्ञान के समन्वय से बनते हैं सभ्य नागरिक

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ट्रिपल आईटीएम में विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत के तत्वावधान में दो दिवसीय ग्विलयर विज्ञान महोत्सव जीवीएम-25 का हुआ शुभारंभ
ग्वालियर। ग्वालियर के विकास की बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ ध्येय मंत्र को लेकर “ग्वालियर विज्ञान महोत्सव जीवीएम-25” सोमवार को शुरू हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान ग्वालियर में श्री अरविंद रानाडे अहमदाबाद के मुख्य आतिथ्य एवं संगठन मंत्री विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत विवस्वान, कलेक्टर रुचिका चौहान एवं आईटीएम यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डा. दौलत सिंह की उपस्थिति में ग्वालियर विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए रानाडे ने कहा कि यदि सभ्य नागरिक बनना है तो ज्ञान और विज्ञान के मध्य समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा बच्चों के विकास में शिक्षक महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। उन्होंने भाषा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि विज्ञान भी स्वदेशी भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए। श्री रानाडे ने कहा मैकाले शिक्षा पद्धति भारतीय संस्कृति के अनुकूल नहीं है।
प्रांत संगठन मंत्री श्री विवस्वान ने भारत की संस्कृति और बुद्ध के बारे में बताते हुए कहा भारत के धर्म का आधार पूर्णतः वैज्ञानिक हैं। उन्होंने कहा भारत का विज्ञान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विज्ञान है।

कलेक्टर ने भारतीय विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे देश में भौगोलिकता के आधार पर विज्ञान के अविष्कार होते रहे हैं। उन्होंने कहा बच्चों को प्रतिभावान बनाने के लिए भारतीय संस्कारों का महत्व बच्चों को समझाना होगा। बड़ों के पैर छूने का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि पैर छूने से जो एनर्जी आशीर्वाद ट्रांसफर के रूप में प्राप्त होती है, यह भारतीय संस्कृति की महानता को प्रदर्शित करती है।
प्रो. दौलत सिंह चौहान ने ऋग्वेद का महत्व बताते हुए कहा कि बच्चों में सवाल पूछने की जिज्ञासा होना चाहिए। उन्होंने कहा विज्ञान के साथ प्रज्ञा भी हो, ऐसा ज्ञान केवल भारत में ही हो सकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत सन डाउन से हुई इसमें सभी स्कूलों के विद्यार्थियों तथा अतिथियों ने सहभागिता की। इसके बाद ट्रिपल आईटीएम के निदेशक श्रीनिवास सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। साथ ही कहा कि बच्चों के ज्ञान वर्धन और उन्हें जीवन में सही दिशा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए। उदघाटन समारोह में विज्ञान भारती के समस्त कार्यकर्ता के साथ ही 25 स्कूलों के लगभग 400 बच्चों ने भाग लिया। बच्चो ने अभ्युदय प्रोग्राम के तहत ग्वालियर के विकास की बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ थीम पर अपने आईडिया प्रस्तुत किए। साथ ही 40 टीम ने मॉडल प्रेजेंटेशन में हिस्सा लिया। इसी तारतम्य में मंथन कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने अपने-अपने स्कूलों की टीचिंग मैथोलॉजी पर प्रेजेंटेशन दिया। प्रेरणा कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर 12वी फेल उपन्यास के लेखक अनुराग पाठक ने विज्ञान एवं अध्यात्म सम्बन्धों पर प्रकाश डाला।
विज्ञान महोत्सव के पहले दिन ट्रिपल आईटीएम निदेशक तथा विज्ञान भारती ग्वालियर के अध्यक्ष डॉ. एसएन सिंह मेजबान के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही प्रदेश के विज्ञान भारती के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. रणजीत सिंह तोमर एवं मध्य भारत प्रांत के सचिव संजय कौरव, कार्यक्रम के सचिव के रूप में डॉ. राजीव चतुर्वेदी उपस्थित रहे। इस अवसर पर विज्ञान भारती ग्वालियर की सचिव डॉ. ऋषि सोनी, डॉ. विनय सिंह, अमित सोनी, डॉ. मुकेश पांडेय, डॉ. मनोज निरंजन, डॉ. एससी श्रीवास्तव, आशुतोष खरे, योगेश इंदौरिया, रितेश गोयल, अजय मावई, डॉ. पवन कोल्हे, डॉ. कपिल कांत, दीपक पाठक व अवधेश निरंजन सहित विज्ञान भारती की इकाई के अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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